chaseyourdreams

ज़िंदगी के कुछ टेढ़े मोड़

कभी-कभी ज़िंदगी एक ऐसा मोड़ लेती है जिसमें हर दिशा जाने में मंज़िल सिर्फ एक ही मिलती है क्यों एक वक्त हमें अकेले ही लड़ना होता है क्यों लोगों के साथ के बावज़ूद कई दफ़ा खुद को अकेला पाना होता है यूं रूठ ना तू मुझसे ज़िंदगी वरना तेरे रूठते रूठते कहीं मैं तुझसे ना …

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क्या अभी भी तुम सामाजिक पिंजड़े में कैद हो

BY SHREYA SHUKLA क्या किया है कभी तुमने खुद से प्यार ,या फ़िर तुम भी किसी प्यसि के प्यार में विलीन हो ? क्या खोलकर उन पंखों को कभी भरी है वो उड़ान तुमने , या फ़िर तुम अभी भी उस सामाजिक पिंजड़े में कैद हो ? क्या किया है कभी तुमने खुदपर विश्वास , या फ़िर अभी भी तुम …

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