ज़िंदगी के कुछ टेढ़े मोड़
कभी-कभी ज़िंदगी एक ऐसा मोड़ लेती है जिसमें हर दिशा जाने में मंज़िल सिर्फ एक ही मिलती है क्यों एक वक्त हमें अकेले ही लड़ना होता है क्यों लोगों के साथ के बावज़ूद कई दफ़ा खुद को अकेला पाना होता है यूं रूठ ना तू मुझसे ज़िंदगी वरना तेरे रूठते रूठते कहीं मैं तुझसे ना …
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