दहेज प्रथा पाप है
BY SHREYA SHUKLA कितने अरमानों से ढूँढता है वो बेटी को नया आशियानाफिर क्यों उस आशियाने के लिए चुकाना पड़ता है उसे इतना बड़ा कर्ज़ानाक्या खुश नहीं एक बेटी लेकरजो सफ़ारी की उम्मीद सजाए बैठे होक्या इतना सस्ता है तुम्हारा वो बेटाजिसे तुम बीस लाख के मोल बेचने बैठे हो…..दस सफ़ारियों के बदले भी वो …